Tips for Children's Health | Health Tips in Hindi

 Health Tips for Children’s Health

आज का समय भागदौड़ वाला समय हो चुका है जिसमें फैमिली मुश्किल से एक साथ बैठकर खाना खाने का समय निकाल पाती हैं। और अभी तो खाना खाते वक्त भी फोन का उपयोग करते हैं। और ऐसे में नौकरी के कारण पेरेंट्स अपने बच्चों को लेकर फैमिली से अलग रहते हैं तब और भी ज्यादा तकलीफ होती है। लगभग सभी बच्चों को अपने पसंदीदा खाना ही चाहिए होता है वरना वह ना खाने की जिद पकड़ते हैं। और इस चक्कर में पेरेंट्स भी उनको स्ट्रीट फूड ला कर देते हैं। ताकि वह खाना खाए और सो जाए। पर पेरेंट्स को भी समझना चाहिए कि ज्यादातर स्ट्रीट फूड हेल्थी नही होते हैं। तो अगर आपके बच्चों को स्ट्रीट फूड खाने की आदत पड़ जाती है तो उनकी हेल्थ पर नेगेटिव असर होता है। और कुछ समस्याएं उनके एडल्ट जीवन में भी रहती है और अगर खयाल नहीं रखा गया तो कुछ समस्याएं उनके पूरे जीवन काल में रह सकती हैं। जैसे कि,

  • लो एनर्जी फील करना। 
  • अपने शरीर का विकास  ना हो पाना। 
  • माइंड का विकास ना हो पाना। 
  • वजन बढ़ना। 

और कई सारी ऐसी अनदेखी समस्याएं जो एक समय पर ही नोटिस की जा सकती है।

इस से अच्छा है कि बच्चों में पहले से ही ऐसी आदतें डालें जो उनको अपनी लाइफ में हेल्दी रखें । तो आज Health Tips for Children’s health में जानने वाले हो कि कैसे बच्चों में Healthy Food खाने की और हेल्दी रहने की आदत डाल सकते हैं ।


Ways To Encourage Healthy Eating


Healthy Breakfast

आप बच्चों के दिन की शुरुआत उनको हेल्दी ब्रेकफास्ट खिलाकर कर सकते हो।  आपको क्या करना है, आपको ऐसा ब्रेकफास्ट देना है जो उनको प्रोटीन दे। क्योंकि प्रोटीन उनकी एनर्जी को लंबे समय तक बनाए रखने में मदद करेगा । और टीनएजर में प्रोटीन उनका वजन घटाने में मदद करेगा।

अगर आपको सुबह में इतना टाइम नहीं मिलता की हल्दी ब्रेकफास्ट बना सके, तो आप इनमें से कोई भी ब्रेकफास्ट दे सकते  है।

  • गेहूं के ब्रेड से बनी अंडे की सैंडविच 
  • गेहूं से बने टोस्ट के ऊपर पीनट बटर लगा कर दीजिए। 
  • एक उबला हुआ अंडा या फिर एक  सेब।


Get your kids involved 

क्या आपके बच्चे ने कभी आपकी ग्रॉसरी शॉपिंग में मदद की है ? अगर नहीं की है तो आप बच्चे को अपने साथ ग्रॉसरी शॉप ले जाइए और उनको सिखाइए की जो फूड पैकेट होते हैं वहां पर हमें क्या देखना चाहिए। फूड पैकेट पर  कौन सी चीजें देखनी चाहिए।  उन फूड पैकेट के ऊपर न्यूट्रिशन लिखे होते हैं उनके बारे में बताइए।  और वह फ़ूड  बनने में जो सामग्री यूज हुई है उस सामग्री के बारे में बताइए। 

इससे बच्चों को न्यूट्रिशंस के बारे में जानकारी मिलेगी और उनको पता रहेगा की हमें किस तरह के फ़ूड  खाने हैं और किस तरह के नहीं खाने। और अगर वह अकेले भी बाजार जाएंगे तो वह खुद से पढ़ कर अच्छे फ़ूड  खरीद पाएंगे।

दूसरा भी कर सकते हैं, कि अगर आपके घर के आसपास या नजदीक में इतनी जगह है जहां पर आप कुछ ऊगा  सको तो अपने बच्चों को कुछ पसंदीदा फल, सब्जियां, या फिर कुछ जड़ी बूटियां उगाने के काम में शामिल कीजिए।


Reduce Sugar

प्राकृतिक रूप से चीनी कई फूड में होती है। इसमें फल, सब्जियां, डेयरी की प्रोडक्ट शामिल है। इन सभी में प्राकृतिक रूप से चीनी होती है। लेकिन  कुछ ऐसे फूड भी है जिसमें अलगसे चीनी मिलाई जाती है। और जिस में अलगसे चीनी मिली  होती है उनमें से हमें सिर्फ ज्यादा केलेरीज़, टाइप  2 डायबिटीज, मोटापा,  मूड विकार जैसी चीज ही मिलती हे।


कुछ फ़ूड तो ऐसे होते हैं, जिसमें चीनी मिली होती है और हमको मालूम भी नहीं होता है।  जैसे कि ब्रेड, सूप, कुछ सब्जियां, केचप, फास्ट फूड, और कई सारे ऐसे फ़ूड  जिसमे चीनी अलग से मिलाई जाती है। लेकिन हमको पता नहीं होता। तो अगर हमें और हमारे बच्चों को लंबी उम्र तक हेल्दी रहना है तो चीनी को अवोइड करना होगा या फिर बेहद कम इस्तेमाल करना होगा।

आपके और आपके बच्चों के खाने में चीनी कम करने के कुछ सुझाव।

ज्यादातर बच्चों को स्वीट चीजें खाने में अच्छा लगता है। जैसे कि चॉकलेट,  केक,  कैंडी,  इत्यादि।  ऐसी चीजों को फ्रिज में मत रखिए । ऐसी जगह पर रखिए जो बच्चों को मालूम ना हो। और  ऐसे खाने को आप अपने बच्चों के लिए एक स्पेशल ट्रीट के तौर पर उनको दे सकते हो। ना कि रोज  खाने के लिए।


जितने भी कोल्ड ड्रिंक्स है उनमें ज्यादातर चीनी मिलाई जाती है। 1 कैन कोल्ड ड्रिंक में कम से कम 40 ग्राम शुगर मिलाया जाता है। मतलब कि 10 चम्मच जितना शुगर मिलाया जाता हे। और बच्चों की जो शुगर की जरूरत है 1 दिन में वह है 12 ग्राम मतलब 3 चम्मच चीनी। तो आप समझ सकते हो कि कोल्ड ड्रिंक क्यों नहीं पीना चाहिए आपके बच्चों के लिए और आपके आपके लिए भी।


जब भी आपको बिना वक्त की भूख लगे तब आप फल खाए। फल में शुगर होता है लेकिन वह एडेड  शुगर नहीं होता। वह नेचुरल होता है जो कि सेहद के लिए अच्छा होता है।  तो उससे आपकी भूख  की जरूरत भी मिट जाएगी और शुगर जरूरत भी पूरी हो जाएगी।

आपके खाने की रेसिपी में बदलाव कीजिए । नॉर्मली खाने में जो चीनी डालते हो उससे थोड़ी कम चीनी डालिए और देखिए कि कैसा लगता है। ऐसे करके आप कम चीनी खाने की आदत डाल सकते हो।


Know Fat in Food

हेल्दी फेट वाले आहार खाना हमारे खाने का हिस्सा होते हैं। उनसे हमें बिना वक्त की भूख महसूस नहीं होती। और उससे हमारे दिमाग को भी फायदा होता है। जैसे कि याद शक्ति बढ़ाना,  हमारे मूड को बनाए रखना। तो आपके बच्चों को भी ऐसे हल्दी फेट  वाले फूल के बारे में बताइए,  ताकि उन को भी पता चले कि कौन सा फ़ूड हमारी बॉडी के लिए अच्छा है और कौन सा नहीं।

हेल्दी फेट किन चीजों में पाए जाते हैं। 

  • जैसे कि 
  • जैतून का तेल 
  • एवोकाडो 
  • काजू और बादाम 
  • अखरोट
  • मछली 
  • चने

और भी बहुत सारे ऐसे फ़ूड, जिनको खाकर आप हल्दी फेट अपने शरीर में लोगे। जिससे कुछ नुकसान नहीं होगा।

अनहेल्दी फेट किन फूड में होता है। जैसे कि,

  • ज्यादातर स्ट्रीट फूड 
  • नकली मक्खन 
  • तेल में तले हुए फूड 
  • चॉकलेट 
  • केक
  • वनस्पति तेल के साथ पके हुए फूड इत्यादि

तो इस  तरह के फ़ूड को ना खाकर आप अपने शरीर में फेट  को जमा नहीं होने देंगे। और मोटापा का शिकार होते हुए बच जाएंगे।


Give Fruits and Veggies in a way that your child like to eat

इस  काम के पहले स्टेप बारे में आपको मैंने पहले बताया की, ग्रॉसरी शॉपिंग में आप अपने बच्चों को भी लेकर जाइए और अलग-अलग फूड के बारे में उनको बताइए।  तो यहां पर भी आपको पहला स्टेप यही करना है। जब आप फल और सब्जियां लेने जाऊं तो अपने बच्चों को भी साथ में लेकर जाएं और उनको जो पसंद है पहले वह ले और फिर उस फल और सब्जियों को अपने बच्चों को ऐसे खिलाएं कि वह देखने में टेस्टी लगे और खाने में हेल्थी हो। 

यहां पर आप अलग तरीके से सोच कर अपने बच्चों को वह फल दे सकते हो। जैसे कि,

ताजे फलों को सामने रखिए : आप ऐसा कर सकते हो कि जितने भी फ्रेश फ़ूड हे, उसको  आप ऐसी जगह पर रख सकते हो, जहां पर आपके बच्चे की नजर आसानी से पड़ जाए।  इससे होगा क्या, की बच्चा बार-बार फल को देखेगा तो उसको एक बार खाने का मन जरूर होगा। और जब वह खाएगा तब दूसरी बार भी आप आसानी से खिला सकते हो। 

ज्यादातर यह ट्रिक 7 से लेकर 14 साल के बच्चों के लिए काम आ सकती है। क्योंकि उस वक्त बच्चों का हर तरीके से विकास होता है। और उस वक्त सही खाना बहुत आवश्यक होता है।


सब्जियों को मिलाकर खिलाइए : आपके बच्चे के मनपसंद खाने के अंदर आप हेल्दी सब्जी या फिर फलों को मिलाकर उनको खिला सकते हो। जैसे कि, 

मान के चलिए कि आपके बच्चे को बर्गर और सैंडविच जैसी चीजें खाने में पसंद है । तो आप क्या कर सकते हो, कि गेहूं की ब्रेड लेकर उसमें कुछ सब्जी मिक्स करके या फिर फलों को काटकर उसमें मिक्स करके अपने बच्चे को खिला सकते हो। और ऐसे आप धीरे-धीरे करके सैंडविच में फल और सब्जी बढ़ाते जाएंगे तो आपका बच्चा ऐसी सैंडविच खाने में पसंद करने लगेगा।


खाने की प्लेट को आकर्षक बनाइए : बच्चे खाने के टेस्ट से पहले खाने को देखकर आकर्षित होते हैं। और फिर वह खाते हैं। तो आप अपनी इमैजिनेशन स्किल को लगाकर आपके बच्चे की प्लेट को कुछ ऐसे तरीके से पेश कीजिए कि वह खाने के लिए आकर्षित हो जाए।


नई रेसिपी ट्राई कीजिए : आज का जमाना इंटरनेट का जमाना है । और हमारे देश में इंटरनेट भी अब तो सस्ता हो चुका है। तो आप वहां से कुछ हेल्थी खाने की रेसिपी सीख कर अपने बच्चों को खिला सकते हो। जो कि टेस्टी भी हो और हेल्दी भी हो।

तो यह कुछ तरीके थे जिससे आप हेल्थी फल और सब्जियां अपने बच्चे को खिला सकते हो। आपका अपना कोई तरीका हो आप उसे भी आजमाएं। लेकिन खाने के मामले में बच्चों के साथ कभी जोर जबरदस्ती मत करें।


Things to Be Consider 


आप इंटरनेट पर सर्च करोगे कि बच्चों को हेल्दी खाना कैसे खिलाएं, तो बहुत सारे आर्टिकल, वीडियो आपको मिल जाएंगे। जहां पर अलग अलग तरीके से आपको बताएंगे कि ऐसे ऐसे खाना खिलाना चाहिए। लेकिन इससे पहले आपको भी कुछ बातो का ध्यान रखना होगा । आपके बच्चों को बदलने से पहले आपको खुद को बदलना होगा तभी आपके बच्चे से उसका प्रभाव पड़ेगा। फिर चाहे वह किसी भी इसके बारे में हो। इस मामले में आप को इन सब बातों का ध्यान रखना है।


रोल मॉडल बनें : सभी के लिए बचपन में उनके पेरेंट्स ही उनके लिए सब कुछ होते हैं। जो उनके पेरेंट्स करते हैं वह बच्चे सीखते हैं। तो आपको भी अपने बच्चे को हेल्दी रखना है तो आपको भी हेल्दी खाना खाने की आदत डालनी होगी। ताकि आपके बच्चे भी आपको देखकर अच्छा खाना खाने का सीखें।


बचपन से ही खिलाएं : बच्चों को उनके बचपन से ही अलग-अलग हेल्दी फल सब्जियां और पेड़ पौधों के बारे में बताइए। और उनको खाने की आदत डालिए। अगर बचपन से ही वह फल और सब्जियां खाएंगे तो उनको बड़ा होने के बाद जबरदस्ती करके खिलाने की नौबत नहीं आएगी।


एक साथ खाना खाने बैठे : दिन में कम से कम एक टाइम का खाना एक साथ मिलकर खाए। इससे क्या होगा की बच्चे को मालूम रहेगा कि किस वक्त खाना खाना है, और किस वक्त नहीं। और इससे कुछ हद तक बच्चों को बिना वक्त की भूख कम लगेगी और दूसरा सबसे बड़ा और अच्छा फायदा यह होगा की पूरी फैमिली एक साथ जुड़ी रहेगी।


जबरदस्ती मत कीजिए : बच्चों को प्लेट का सारा खाना खाने के लिए जबरदस्ती मत कीजिए।  जब उसका पेट फूल हो जाएगा तब वह नहीं खाएगा। इससे होगा क्या की बच्चे को की बॉडी में खाने की जरूरत महसूस होगी।  जितनी जरूरत होगी  उतना ही खायेगा। और ओवर ईटिंग नहीं करेगा।


अपने बच्चे के खाने का निरीक्षण कीजिए : बच्चा क्या खा रहा है, कब खा रहा है, क्यों और किस वक्त भूख लगती है। यह सारी चीजें भी आपको देखनी होगी। ताकि  बिना वक्त के खानों को आप उसके लिए कंट्रोल कर सको।


जैसे कि मान के चलिए आपके बच्चे को टीवी देखते वक्त कुछ ना कुछ खाने की आदत होगी। तो आप टीवी देखने के टाइम में लिमिट करके उस बिना वक्त के खाने को कंट्रोल में ला सकते हैं। इस तरह के खाने को Mindless Eating कहते हैं। तो आप इसे कंट्रोल कर सकते हो।




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